क्या है सुप्रीम कोर्ट के नये नियम?
आरक्षण और कोटा पॉलिसी पर अमर उजाला अखबार और वेबसाइट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसम्बर 2020 को अपना फैसला सुनाया है। कहा कि कोर्ट ने कहा कोटा पॉलिसी का मतलब योग्यता को नकारना नहीं है। इसका मकसद मेधावी उम्मीदवारों को नौकरी के अवसरों से वंचित रखना नहीं है, भले ही वे आरक्षित श्रेणी से ताल्लुक रखते है
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पद भरने के लिए आवेदकों की जाति की बजाय उनकी योग्यता पर ध्यान देना चाहिए और मेधावी उम्मीदवारों की मदद करनी चाहिए। साथ ही, किसी भी प्रतियोगिता में आवेदकों का चयन पूरी तरह योग्यता के आधार पर होना चाहिए ना की जाति के आधार पर।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां तक प्रत्येक सामाजिक श्रेणी आरक्षण के अपने दायरे में सीमित हो जाएगी और योग्यता नकार दी जाएगी। इसी लिए सभी वर्गों के लिए ओपन कैटिगरी होनी चाहिए। इसमें सिर्फ एक ही शर्त हो कि आवेदक को अपनी योग्यता दिखाने का मौका मिले, चाहे उसके पास किसी भी तरह के आरक्षण का लाभ उपलब्ध हो।
और इस बात को कई उच्च न्यायालयों ने अपने फैसलों में माना भी है। कि आरक्षित वर्ग से संबंधित कोई भी उम्मीदवार अगर योग्य है तो सामान्य वर्ग में भी आवेदन कर सकता है। चाहे वह अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित वर्ग या अन्य पिछड़ा वर्ग का हो। ऐसे में वह आरक्षित सीट को दूसरे उम्मीदवार के लिए उत्तीर्ण होने के बाद छोड़ सकता है। न्यूज सोर्स Amar Ujala WebSite